केंद्र सरकार – कार्यकाल प्रणाली (Central Secretariat … शासन में श्री विक्रम सिसोदिया को इस पद पर नियुक्त किया गया जो इतने शक्तिशाली है कि कहा जाता है कि शासन मुख्यमंत्री नहीं ओ.एस.डी. सचिवालय की संरचना- अवधारणात्मक विश्लेषण (Structure of Secretariat – Conceptual Analysis): केन्द्रीय सचिवालय सचिवों का कार्यालय है । इसे मंत्रालयों, विभागों का समूह भी कह सकते हैं । क्योंकि यह विभिन्न मंत्रालयों, विभागों में विभक्त है । वस्तुतः यह एक त्रिस्तरीय ढांचा है जिसके सर्वोच्च शिखर पर राजनैतिक मंत्री होता है, मध्य स्तर पर सचिव तथा तृतीय स्तर पर विभाग का संचालक या निदेशक (विभागाध्यक्ष) होता है ।, मंत्री अपने मंत्रालय का राजनैतिक अध्यक्ष होता है जबकि सचिव प्रशासनिक अध्यक्ष । सचिव मंत्री का ही अधीनस्थ होता है । जब हम सम्पूर्ण संरचना को सचिवालय कहते हैं तो इससे भ्रम उत्पन्न होता है कि इसमें मात्र सचिवों के ही कार्यालय होंगे । जबकि सचिवालय तो इस ढांचे का मध्य स्तर है तथा मंत्रालय या विभाग का ही एक अधीनस्थ भाग है । उल्लेखनीय है कि यह सचिवालय ब्रिटिश काल में सूत्र अभिकरण ही था लेकिन अब स्टॉफ अभिकरण है ।, यदि हम सूक्ष्म विश्लेषण करें तो सम्पूर्ण केन्द्रीय सचिवालय एकीकृत रूप से तो एक सूत्र अभिकरण दिखाई देता है लेकिन इसका सचिवीय मध्य हिस्सा स्टॉफ है जो मंत्री को नीति निर्माण, निर्णयन आदि के लिए परामर्श देता है । स्वतन्त्रता के पूर्व सचिवालय के सभी 19 विभाग ”डिपार्टमेन्ट” कहलाते थे जिन्हें स्वतन्त्रता पश्चात मंत्रालय कहा जाने लगा ।. Functions of Cabinet Secretariat in India The cabinet Secretariat of the central government of India plays a very important role in Indian administrative system. प्रथम स्तर राजनीतिक है । इसीलिये सर्वोच्च है । इस तल पर मंत्रालय का राजनीतिक अध्यक्ष होता है जिसे मंत्री कहते हैं । ये भी तीन स्तर के होते है- कैबीनेट मंत्री, राज्य मंत्री और उपमंत्री । कभी-कभी संसदीय सचिव जैसा चौथा स्तर भी रखा जाता है । संसदीय सचिव भी किसी विभाग में कैबिनेट मंत्री नहीं रखते हैं और राज्यमंत्री को ही स्वतंत्र प्रभार में मंत्रालय सौंप दिया जाता है ।, 2. विपाटन प्रणाली (The Split System) 5. दिनांक 30 सितम्बर, 2006 की स्थिति के अनुसार भारत सरकार (कार्यों का विभाजन) नियमावली 1961 के अंतर्गत केंद्र सरकार में निम्नलिखित मंत्रालय/विभाग शामिल थे: 11. शासकीय पुस्तिका के अनुसार सचिवालय द्वारा मंत्रालयों/विभागों से जुड़े निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं: (i) मंत्री को नीति निर्धारण करने तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार उसमें संशोधन करने में मदद करना; (iii) क्षेत्रीय नियोजन और कार्यक्रम निरूपण; (iv) (क) मंत्रालयाविभाग के कार्यों से संबंधित व्यय का बजटीय प्रावधान और नियंत्रण; और (ख) संचलनात्मक कार्यक्रमों और योजनाओं और उनमें संशोधन से संबंधित प्रशासनिक और वित्तीय अनुमोदन देना अथवा लेना; (v) कार्यपालक विभागों या अर्ध-स्वायत्त कार्यक्षेत्रीय एजेंसियों द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों के संचालन का पर्यवेक्षण और परिणामों का मूल्यांकन; (vi) नीतियों की व्याख्या और उनके बीच समन्वय स्थापित करना सरकार की अन्य शाखाओं की सहायता करना तथा राज्य प्रशासन से संपर्क बनाए रखना; (vii) मंत्रालय/विभाग और इसकी कार्यपालक एजेंसियों दोनों में कार्मिक और सांगठनिक सक्षमता विकसित करने के उपाय करना; और, (viii) मंत्री को संसदीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में सहायता प्रदान करना ।, प्रशासनिक सुधार आयोग ने ‘भारत सरकार की मशीनरी और इसकी कार्य पद्धति’ विषय से संबंधित अपनी रिपोर्ट 1968 में सचिवालय की महत्ता के बारे में ठीक ही कहा है – “सचिवालय कार्यप्रणाली से प्रशासन को संतुलन और स्थायित्व प्राप्त हुआ है तथा इसने मंत्रालय के पूरे तंत्र के लिए केंद्रक का कार्य किया है । इसके फलस्वरूप मंत्री स्तर पर संसद के प्रति जवाबदेही और मंत्रालयों के मध्य तालमेल बनाए रखा जा सका है क्योंकि एक सांस्थानिक प्रणाली के रूप में सरकार द्वारा कार्य को ठीक ढंग से निष्पादित किया जाना अनिवार्य है ।”, एस.आर महेश्वरी के अनुसार – “सचिवालय में उन पदो को श्रेष्ठ माना गया है जो अधिकारियों द्वारा बनाए गए नियमानुसार राज्यों (और कुछ केंद्रीय सेवाओं) से कुछ विशिष्ट समय के लिए आते हैं तथा अपने ‘कार्यकाल’ की समाप्ति पर संबद्ध राज्यों या सेवाओं में वापिस चले जाते हैं । सरकारी शब्दावली में इसे कार्यकाल प्रणाली कहते हैं ।”, इस प्रकार, कार्यकाल प्रणाली के अंतर्गत प्रतिनियुक्त प्रत्येक कर्मचारी/अधिकारी केंद्रीय सचिवालय में निर्धारित अवधि के लिए कार्य करता है जिनका सचिवालय में अलग-अलग पदक्रम होता है ।, भारत में ‘कार्यकाल प्रणाली’ की शुरूआत वर्ष 1905 में भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड कर्जन द्वारा की गई थी । लॉर्ड कर्जन का मानना था कि ”भारत पर शिमला या कोलकाता से शासन किया जा सकता है किंतु प्रशासन मैदानों से किया जाता है ।”, लॉर्ड कर्जन के इसी विश्वास ‘जिसे कार्यकाल प्रणाली का जनक भी कहते हैं’ के फलस्वरूप ही कार्यकाल प्रणाली की शुरूआत हुई थी ।. Read this article in Hindi to learn about:- 1. सचिव के दखल से मुक्त कार्यपालक अभिकरण नीति कार्योन्वयन में स्वतंत्र होते हैं ।, 4. केंद्र सरकार – कार्यकाल प्रणाली (Central Secretariat – Tenure System) and Other Details. कानून, नियम, विनियम बनाना । विधेयक यही तैयार करता है ।, 3. (3) Sect oral planning and programme formulation. इस प्रणाली को कमजोर बनाने में निम्नलिखित तत्त्वों का योगदान है: (i) इस समय अवर सचिव और उपसचिव के अधिकांश पद पर केंद्रीय सचिवालय सेवा संवर्ग के सदस्य हैं । इस प्रकार वर्ष 1948 में गठित इस सेवा संवर्ग के फलस्वरूप सचिवालयीन अधिकारियों को स्थायित्व प्राप्त हुआ ।, (ii) वर्ष 1961 में विशेष केंद्रीय सेवा श्रेणी I के रूप में गठित भारतीय आर्थिक सेवा और भारतीय सांख्यिकीय सेवा के विशेष सेवा के अधिकारी जिनकी संख्या केंद्रीय सचिवालय में अधिक है कार्यकाल प्रणाली के अंतर्गत नहीं आते हैं । अर्थात फील्ड और मुख्यालय (सचिवालय) के बीच पदस्थ रहते हैं ।, (iii) वर्ष 1938 में गठित वित्त वाणिज्य पूल (किंतु वर्ष 1946 में समाप्त) तथा 1957 में गठित केंद्रीय प्रशासनिक पूल के माध्यम से कार्यकाल प्रणाली में सुधार किया गया था । केंद्रीय प्रशासनिक पूल में भारतीय प्रशासनिक सेवा, केंद्रीय, सेवा-श्रेणी I, केंद्रीय सचिवालय सेवा-श्रेणी I तथा राज्य सेवाओं के श्रेणी के अधिकारी शामिल होते हैं ।, इसका गठन केंद्रीय सचिवालय में सचिव स्तर या इससे ऊपर के स्तर के पदों के लिए किया गया था । इसमें सामान्य और विशेष दोनों श्रेणी के पद थे । इस पूल का प्रबंधन और नियंत्रण कार्मिक मंत्रालय द्वारा किया जाता है ।, (iv) कार्यकाल प्रणाली के अंतर्गत केंद्रीय सचिवालयी सेवा में आए अधिकारी अपने मूल विभागों या राज्य सरकारों में वापस नहीं जाते जिसका मुख्य कारण उच्च वेतन राजधानी नगर की सुविधाएँ तथा केंद्र से निकटता आदि जैसे सचिवालय तैनाती संबंधी लाभ हैं ।, इस संदर्भ में प्रशासनिक सुधार आयोग के कार्मिक प्रशासन से जुड़े अध्ययन दल (1967) ने टिप्पणी की थी कि ”हम यह भी पाते हैं कि कार्यकाल प्रणाली अथवा सचिवालय मुख्यालय संगठनों और फील्ड से जुड़े पदों के आदान-प्रदान का मूल प्रयोजन उन लोगों के कारण सार्थक सिद्ध नहीं हो रहा है जा अनिश्चित काल तक अपने मूल विभाग/संवर्ग से बाहर बने रहते हैं ।”, (v) राज्य अपने अच्छे अधिकारियों को केंद्र सरकार में भेजने को सदैव उत्सुक नहीं रहते । राज्य सरकारों की इस अनिच्छा के कारण सचिवालय और फील्डक्षेत्र के मध्य अधिकारियों के आदान-प्रदान में बाधाएँ आती हैं ।, (vi) कार्यकाल प्रणाली भारत में उस समय अस्तित्व में आई थी जब यहाँ एकात्मक प्रणाली का शासन था किंतु स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद का एकात्मक प्रणाली स्थान संघीय प्रणाली ने लिया ।, अवस्थी बंधुओं ने इस संदर्भ में ठीक ही कहा है – ”संघीय राजव्यवस्था में, जिसमें स्वायत्त राज्य हैं कार्यकाल प्रणाली उपयुक्त नहीं है । केंद्र और राज्य दोनों स्तर के गैर निपुण मंत्रियों को स्थायी सलाहकारों की सेवाओं की जरूरत होती है यह काम कार्यकाल प्रणाली के तहत प्रतिनियुक्त और कार्यकाल की समाप्ति पर मूल विभाग की राह पकड़ने वाले अधिकारियों के वश की बात नहीं है ।”. dexia.com. The functions of the office can be carried out automatically through cases sent to office without specific directions. Com'secrétariat propose des services d'accueil téléphonique et de secrétariat à distance spécialisés notamment dans le secteur juridique et le secteur médical. सचिवालय के कर्मचारी वर्ग के कार्मिक निम्नलिखित दोनों सेवाओं से आते हैं: (i) केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा, जिसमें पांच ग्रेड हैं- बरिष्ठ प्रमुख निजी सचिव का ग्रेड निजी सचिव का ग्रेड, ग्रेड ए+बी (आमेलित), ग्रेड सी, ग्रेड डी ।, (ii) केंद्रीय सचिवालय लिपिकीय सेवा जिसमें दो ग्रेड हैं- उच्च श्रेणी (लिपिक) ग्रेड, अवर श्रेणी (लिपिक) ग्रेड ।, वर्ष 1976 से कर्मचारी चयन आयोग अवर श्रेणी लिपिकों की सीधी भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करता आ रहा है । उच्च श्रेणी लिपिक पदों को सीधी भर्ती द्वारा नहीं भरा जाता है । इन पदों को अवर श्रेणी लिपिकों को प्रोन्नत कर भरा जाता है । अनुभाग अधिकारी तथा सहायक अनुभाग अधिकारी के पदों में से कुछ पदों का प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर सीधी भर्ती द्वारा और कुछ को अधीनस्थ कार्मिकों की प्रोन्तित द्वारा भरा जाता है ।, डेस्क अधिकारी प्रणाली की शुरुआत से वर्ष 1973 में केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की कार्यपद्धति में बदलाव-सा आ गया था । यह प्रशासनिक सुधार आयोग के तहत देशमुख अध्ययन दल की सिफारिशों के आधार पर किया गया था । इस प्रणाली की शुरूआत ब्रिटिश व्हाइटहॉल प्रणाली की तर्ज पर की गई थी ।, इस नई प्रणाली के अंतर्गत किसी मंत्रालय के सबसे निचले स्तर के कार्य को अलग-अलग डेस्कों में व्यवस्थित किया गया है । प्रत्येक डेस्क में दो अधिकारियों अर्थात एक अवर सचिव और एक अनुभाग अधिकारी या एक अनुभाग अधिकारी और एक सहायक अनुभाग अधिकारी या दो अनुभाग अधिकारियों को पदस्थ किया जाता है ।, प्रत्येक अधिकारी को डेस्क अधिकारी कहा जाता है जिनकी सहायतार्थ आशुलिपिक/लिपिक उपलब्ध होते हैं । डेस्क अधिकारी मामलों को स्वयं निक्टाता है तथा नीति से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों के निपटान हेतु उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करता है ।. मेज अधिकारी प्रणाली (Desk Officer System): प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग ने ”सरकारी तंत्र की कार्यपद्धति” के अध्ययन हेतु ”देशमुख अध्ययन दल” (1968) का गठन किया था ।. माहेश्वरी ने ठीक कहा है कि ”निदेशक और उपसचिव की जिम्मेदारियों में कोई अधिक अंतर नहीं है न ही किसी उपसचिव को निदेशक के अधीन किया जा सकता है ।” निदेशक का दर्जा और वेतन उपसचिव से अधिक होता है ।, उपसचिव सचिव की ओर से कार्य करता है और प्रभाग का प्रभारी होता है । वह स्वयं अधिकांश मामलों को निपटाता है तथा महत्वपूर्ण मामलों पर विभाग के संयुक्ताअपर सचिवों अथवा सचिव से मार्गदर्शन प्राप्त करता है ।, अवर सचिव शाखा का प्रभारी होता है इसलिए उसे शाखा अधिकारी भी कहते हैं । वह प्रायः प्राप्त अभ्यावेदनों पर कार्यवाही शुरू करता है । वह छोटे मामलों को स्वयं निपटाता है तथा केवल महत्त्वपूर्ण मामलों को उपसचिव को प्रस्तुत करता है ।, स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले अवर सचिव से नीचे का सहायक सचिव का पद होता था । इस पद को मैक्सवेल समिति की रिपोर्ट (1937) की अनुशंसाओं पर समाप्त का दिया गया ।, विशेष कार्य अधिकारी पद पर विद्यमान अधिकारियों में से किसी अधिकारी की नियुक्ति होती है- वह आवश्यक प्रकृति के उन कार्यों को देखता हैं जिस पर पूरा ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है । मूलतः यह अस्थायी पद है जिसे अत्यावश्यक दृष्टि से सृजित किया गया है ।, ओएसडी द्वारा निष्पादित ड्‌यूटी और कार्य विशेष प्रकृति के होते हैं । ओएसडी का दर्जा निर्धारित नहीं है किंतु इस पद पर सचिव से लेकर अवर सचिव स्तर तक के अधिकारी नियुक्त होते हैं । कभी-कभी अनुभाग अधिकारी को भी ओ एस डी नियुक्त किया जाता है ।. FUNCTIONS OF THE CENTRAL SECRETARIAT. With its proximity to the seats of power, the secretariat tends to be the repository of all powers and authority of the state government. 1979 – 1983 Law studies at the University of Graz and graduation with PhD degree. It all starts with our strategically assembled team that includes a certified association executive director, a finance director, a conference manager, association coordinators, and uber-efficient support and technology personnel. Species List; Threats; News. Notre accueil téléphonique est ouvert du lundi au vendredi de 8h30 à 19h30 sans interruption. सचिवालय के कर्मचारी वर्ग के कार्मिक निम्नलिखित दोनों सेवाओं से आते हैं: 1. These principles limit and define the work of the Central Secretariat to a policy making body only, barring exceptions necessitated by circumstances. In exercise of the powers conferred by the proviso to article 309 of the Constitution and all other powers enabling him in this behalf the President hereby makes the following rules, namely:-1. Cherchez des exemples de traductions Secrétariat de planification et de gestion des ressources dans des phrases, écoutez à la prononciation et apprenez la grammaire. Introduction; Range States; Contacts; The CMS Family; Documents. डेस्क अधिकारी प्रणाली के लाभ इस प्रकार हैं: (i) इससे मामलों का त्वरित निपटान होता है तथा मामले सीधे उच्च स्तर के अधिकारियों तक पहुंचते हैं ।, (ii) इससे स्तर पर मामलों की जाँच नहीं करनी पड़ती ।, (iii) इससे सचिवालय के कार्यों में विलंब होने की संभावना नहीं रहती ।, (v) अधिकारी स्तर पर ही मामलों की जाँच कर लिए जाने के कारण कार्य की गुणवत्ता बनी रहती है ।. वह निष्पादन विभाग पर नियंत्रण रखने में मंत्री की मदद करता है ।, ”सरकार तंत्र” के पुनर्गठन से संबंधित गोपालस्वामी आयंगर रिपोर्ट (1949) में कहा गया है कि- “सचिव को फाइलों के दैनिक निपटान में नहीं लगा रहना चाहिए अपितु उसे पूरे परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अपने प्रभार से संबंद्ध सरकारी समस्याओं का आकलन कर कार्य योजना बनानी चाहिए ।”, भारत सरकार की मशीनरी और कार्यपद्धति से संबंधित प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट (1968) के अनुसार सचिव की भूमिका, ”एक समन्वय, नीति निर्देशक, समीक्षक और मूल्यांकन कर्ता की होनी चाहिए ।”, जब मंत्रालय में एक से अधिक विभाग होते हैं, तो सामान्यतया उसके लिये अतिरिक्त सचिव रखा जाता है । यह सचिव की तुलना में मामूली ही कम दर्जे का होता है । कभी-कभी इसे विभाग के ”स्कंध” के प्रभारी के रूप में भी रखा जाता है ।, यह अपर सचिव से दर्जे और वेतन में नीचा होता है । यह सामान्य रूप से स्कंध का प्रभारी होता है और अपर सचिव भी यदि किसी स्कंध का प्रभारी है तो दोनों के स्तर में अंतर अल्प रह जाता है ।, केन्द्र सरकार के पुनर्गठन पर रिचर्ड टोटनहम की रिपोर्ट (1945) में यह उल्लेख है कि- ”अपर सचिवों और संयुक्त सचिवों को न ही सस्ता सचिव और न ही अधिक खर्चीला उपसचिव होना चाहिए ।”, प्रभाग के प्रभारी के रूप में उपसचिव अपने प्रभाग से संबंधित समस्त कार्यों को स्वयं निपटाता है । वह सचिव की और से ये कार्य करता है । उसे अपने ऊपर के अधिकारियों से मार्गदर्शन मिलता रहता है ।, 1960 में निदेशक का पद भी प्रभाग के प्रभारी के रूप में सृजित हुआ था । लेकिन अधिकांशतया उप सचिव ही प्रभाग-प्रभारी होता है । निदेशक का पद और वेतन उपसचिव से अधि होता है ।, यह शाखा प्रभारी होता है और सचिवालय के कार्यों, आदेशों निर्देशों को कार्यकारी रूप देता है । स्वतंत्रता पूर्व इसके नीचे सहायक सचिव का भी पद होता था जिसे मैक्सवेल समिति (1937) की अनुशंसा पर समाप्त कर दिया गया ।, सामान्यतया मंत्री की सहायतार्थ विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी भी कभी-कभी नियुक्त किये जाते हैं । इसका उद्देश्य उन कार्यों पर विशेष ध्यान देना है जो अति आवश्यक महत्व के होते हैं । यह एक अस्थायी पद है और इस पर नियुक्ति के लिये कोई निर्धारित मापदंड भी नहीं है ।, अत: अनुभाग अधिकारी से लेकर सचिव स्तर तक के व्यक्ति इस पद पर नियुक्त किये जाते रहे है । छ.ग. कार्य संबंधी फाइलों की सूची व्यवस्था लागू हो ।, 2. 2. ocol.gc.ca. This may include one or more departments depending upon administrative convenience, each under the charge of a secretary. अप्रवासी भारतीयों के मामलों का मंत्रालय, Hindi, Public Administration, India, Central Secretariat, Terms of Service Privacy Policy Contact Us, यहां आप हिंदी निबंध और लेख ऑनलाइन पढ़ सकते हैं, Cabinet Secretariat: Role & Functions | Hindi | India | Public Administration, Central Secretariat: Tenure and Functions | Hindi | Public Administration, Cabinet Secretariat: Functions and Role | Hindi | Public Administration, Prime Minister’s Office: Functions & Role | Hindi | India | Public Administration, Urban Local Government: History and Types | Hindi | Public Administration, कथनी से अधिक करनी बोलती है पर निबंध | Actions Speak Louder Than Words Essay, कोरोनावायरस पर निबंध | Essay on Coronavirus, कार्मिक प्रबंधन: परिचय, वस्तुएं, कार्य और आवश्यकता | Personnel Management: Intro, Objects, Functions and Need, संगठन के चार मुख्य प्रकार: रेखा, कार्यात्मक, रेखा और कर्मचारी संगठन | 4 Main Types of Organisation: Line, Functional, Line and Staff Organization, सार्वजनिक उपक्रम और उसके प्रारूप | Public Enterprises and Its Forms in Hindi. 1960 ADVERTISEMENTS: (3) The procedural revisions in terms of revised goals. The Central Secretariat is a policy making body of the government and is not, to undertake work of execution, unless necessitated by the lack of official agencies to perform certain tasks. Two vital principles of Central Secretariat system are: The task of policy formulation should not be mixed with to policy implementation. कार्य का अधिदिति सिद्धांत (Filter Principle): प्रशासनिक शब्दावली में प्रथम तीन उच्च पदों (सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव) को उच्च प्रबंध तथा उप सचिव और अवर सचिव को मध्य प्रबन्ध कहा गया है । इन दोनों स्तरों के मध्य कार्य विभाजन अधिदिति सिद्धांत (Filter Principle) पर आधारित है अर्थात महत्वपूर्ण कार्य उच्च स्तरों के लिए रखकर शेष बचे कार्य मध्य प्रबन्ध को सौंप देना ।. केंद्र सरकार – भूमिका और कार्य (Central Secretariat – Role and Functions) 6. कार्यपालक अभिकरणों से प्राप्त प्रस्तावों की जांच सचिव सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के परिप्रेक्ष्य में कर पाता है । क्योंकि सचिव मंत्री या विभाग मात्र का नहीं अपितु मौटे तौर पर संपूर्ण सरकार का सचिव होता है ।, 3. ocol.gc.ca . सचिव के सहायतार्थ संयुक्त सचिव, उपसचिव, अवर सचिव और अन्य कर्मचारी होते हैं । इस प्रकार, सचिवालय-संगठन में दो विशेष घटक-अधिकारी और कार्यालय; कर्मचारियों को निर्देशित और नियंत्रित करने के लिए तथा लिपिकीय कार्य को निष्पादित करने के लिए होते हैं, (iii) विभाग-प्रमुख की अध्यक्षता में कार्यकारी संगठन होता है । इन विभाग प्रमुखों को विभिन्न पदनामों जैसे-निदेशक, महानिदेशक, आयुक्त, महानिरीक्षक, मुख्यनियंत्रक आदि के नाम से जाना जाता है ।, प्रत्येक मंत्रालय मुख्यतया विभागों में बंटा होता है । प्रत्येक विभाग स्कंधों में प्रत्येक स्कंध प्रभागों में तथा प्रभाग शाखाओं में बेटे होते हैं । प्रत्येक शाखा अनुभागों में बेटी होती है । अनुभाग (जिसे कार्यालय कहते हैं) किसी मंत्रालय/विभाग का सबसे छोटी और सबसे निचले स्तर की इकाई है ।, भारत में सचिवालय प्रणाली नीति-निर्धारण कार्य को नीति कार्यान्वयन कार्य से अलग रखने के सिद्धांत पर आधारित है । विभाजन की इस प्रणाली में सचिवालय को केवल नीति निर्धारण कार्य तक सीमित रखा गया है और इस प्रकार सचिवालय नीति के कार्यान्वयन कार्य में दखल नहीं दे सकता ।, नीति को कार्यरूप दिए जाने का कार्य सचिवालय के बाहर की कार्यपालक एजेंसियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए । विपाटन प्रणाली के प्रशासनिक प्रयोजन के उद्देश्यों का उल्लेख एल.एस. A ministry is the charge allotted to ministers. Nous accueillons vos interlocuteurs de manière personnalisée et selon vos instructions. The Central Secretariat is a collection of various ministries and departments. Facts and Information about the Coronavirus Disease (COVID-19) and Wildlife. The Central Secretariat of the Chinese Communist Party is a body serving the Politburo of the Chinese Communist Party and its Standing Committee. About. The council also acted as […] ADVERTISEMENTS: Read this article in Hindi to learn about:- 1. (2) Framing legislation, rules and principles of procedure. dexia.com. कार्यकाल प्रणाली के समर्थन में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किए गए हैं: (i) इस प्रणाली द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच प्रशासनिक तालमेल बनाए रखा जा सकता है और इस प्रकार भारतीय संघीय शासनतंत्र को मजबूती प्रदान की जा सकती है ।, (ii) इस प्रणाली के द्वारा केंद्रीय सचिवालय में उन अधिकारियों की नियुक्ति की जा सकती है जिन्हें जिला प्रशासन या क्षेत्र प्रशासन का ही अनुभव प्राप्त होता है ।, (iii) इससे राज्य सरकार के अधिकारियों को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर अनुभव मिलता है ।, (iv) इससे उन सभी अधिकारियों को समान अवसर प्राप्त होता है जो सचिवालय में निर्धारित अवधि तक तैनात रहने के अधिकारी हैं ।, (v) इससे राष्ट्र की प्रशासनिक एकता तथा लोकसेवा की स्वतंत्रता की रक्षा होगी ।, परंतु कार्यकाल प्रणाली से ‘कार्यालय अभिमुख प्रशासन’ और ‘अति-नौकरशाहीकरण’ का सूत्रपात हुआ है । सचिवालय में तैनात नया अधिकारी कार्य निष्पादन के लिए स्थायी शासकीय व्यवस्था पर निर्भर रहता है ।, आज कार्यकाल प्रणाली की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है जितनी स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले थी ।. मंत्रालय की संरचना (Structure of Ministry) 3. He is also empowered to impose all penalties under CCS (CCA) Rule 11 in respect of Senior Secretariat Assistant and Junior Secretariat Assistant of Central Secretariat Clerical Services (CSCS) employees under the Administrative Control of Deptt. गार्ड फाइलों या कार्ड सूची का रख रखाव जिसमें पूर्व के महत्वपूर्ण रिकार्ड रखे जाएं ।, 4. क्षेत्रीय कार्यक्रम और योजना तैयार करना ।, 4. केंद्रीय सचिवालय लिपिकीय सेवा, जिसमें दो ग्रेड है, उच्च श्रेणी (लिपिक) ग्रेड, अवर श्रेणी (लिपिक) ग्रेड ।, वर्ष 1976 से कर्मचारी चयन आयोग अवर श्रेणी लिपिकों की सीधी भर्ती के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करना आ रहा है । उच्च श्रेणी लिपिक पदों को सीधी भर्ती द्वारा नहीं अपितु अवर श्रेणी लिपिकों से पदोन्नति द्वारा भरा जाता है ।, अनुभाग अधिकारी तथा सहायक अनुभाग अधिकारी के पदों में से कुछ पद प्रतियोगी परीक्षा के द्वारा सीधी भर्ती द्वारा और कुछ पद अधीनस्थ कार्मिकों से पदोन्नति द्वारा भरा जाता है ।, Hindi, Public Administration, Secretariat, Central Secretariat, Terms of Service Privacy Policy Contact Us, यहां आप हिंदी निबंध और लेख ऑनलाइन पढ़ सकते हैं, Central Secretariat: Role & Functions | Hindi | India | Public Administration, State Secretariat: Meaning and Functions | Hindi | Public Administration, Cabinet Secretariat: Functions and Role | Hindi | Public Administration, Cabinet Secretariat: Role & Functions | Hindi | India | Public Administration, Public Administration in Rajasthan | Hindi | India, कथनी से अधिक करनी बोलती है पर निबंध | Actions Speak Louder Than Words Essay, कोरोनावायरस पर निबंध | Essay on Coronavirus, कार्मिक प्रबंधन: परिचय, वस्तुएं, कार्य और आवश्यकता | Personnel Management: Intro, Objects, Functions and Need, संगठन के चार मुख्य प्रकार: रेखा, कार्यात्मक, रेखा और कर्मचारी संगठन | 4 Main Types of Organisation: Line, Functional, Line and Staff Organization, सार्वजनिक उपक्रम और उसके प्रारूप | Public Enterprises and Its Forms in Hindi. Relevant facts and figures … Management closely monitors and controls all information released by the secretariat staff. केंद्र सरकार का अर्थ (Meaning of Central Secretariat): केंद्रीय सचिवालय में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग शामिल हैं । अर्थात प्रशासन की दृष्टि से केंद्र सरकार विभिन्न मंत्रालय और विभागों में विभक्त है । केंद्रीय सचिवालय ऐसे सभी मंत्रालयों और विभागों की समष्टि है । एक मंत्रालय में सामान्यतः दो से चार विभाग होते हैं, किंतु किसी-किसी मंत्रालय में कोई विभाग नहीं होता जैसे-विदेश मंत्रालय ।, इसी प्रकार कुछ ऐसे विभाग भी हैं जिन्हें किसी मंत्रालय के अधीन नहीं रखा गया है जैसे महासागर विकास विभाग । मंत्रालयों और विभागों के राजनीतिक प्रमुख मंत्रीगण तथा प्रशासनिक प्रमुख सचिवगण होते हैं ।, भारत के संविधान के अनुच्छेद 77 में केंद्र सरकार के कामकाज को अधिक सुविधाजनक और इन कार्यों को मंत्रियों को सौंपने संबंधी नियम बनाने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को दिया गया है । यह विभाग विभाजन प्रणाली का आधार है । इसकी विशेषता यह है कि मंत्री को मंत्रालया/विभाग का प्रभारी बनाया जाता है जो राष्ट्रपति की ओर से आदेश जारी करता है ।, इस प्रकार मंत्रालय/विभाग की धारणा का सूत्रपात विभाग-विभाजन (पोर्टफोलियो) प्रणाली से हुआ है । ‘एलोकेशन ऑफ बिजुनेस रूल्स’ (कार्य आबंटन के नियम) में निर्दिष्ट मंत्रालयों/विभागों के समूह को केंद्रीय सचिवालय के रूप में जाना जाता है । वर्तमान में केंद्र सरकार के मंत्रालय/विभाग भारत सरकार (कार्यों का बँटवारा) नियमावली 1961 से शासित हैं ।. के तहत राष्ट्रपति को सरकारी कामकाज की सुविधा और इनकों मंत्रियों को सौंपने संबंधी नियम आदि बनाने का अधिकार दिया गया है । अत: मंत्री वस्तुत: कार्यपालिका (राष्ट्रपति/मंत्रिपरिषद) की तरफ से विभाग मंत्रालय का काम देखने वाले प्रभारी होते हैं । वे राष्ट्रपति की और से ही आदेश जारी करते है ।. Various functions in the provincial government of Styria. 2) Framing legislation, rules and principles of procedure. (3) Sect oral planning and programme formulation. A department on … मंत्रालय केंद्र का हो या राज्य का एक त्रिस्तरीय संरचना होती है: 1. 2 IRC processes taking place within the Secretariat for the Economic Integration of Central America Categories of legal and policy instruments Is it taking place within the IO? The Central Secretariat normally performs the following functions: (1) Assisting the minister in the discharge of his policy making and parliamentary functions. Integration will define the functions of the Secretariat. Central Asian Mammals Initiative. The Secretary exercises supervision and control over the entire department and performs the following functions: 1. केंद्र सरकार के मंत्रालय विशेष की संरचना तीन स्तरीय है अर्थात: (i) एक राजनीतिक प्रमुख अर्थात कैबिनेट मंत्री जिसकी सहायतार्थ राज्यमंत्री और उपमंत्री होते हैं । किंतु कभी-कभी राज्यमंत्री भी स्वतंत्र प्रभार में मंत्रालय/विभाग का राजनीतिक प्रमुख होता है; (ii) सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय संगठन/सचिव लोकसेवक होता है ।. Trend Tracking. Promulgates issuances necessary for the efficient adminis… Central Secretariat Service (CSS) The Central Secretariat Service Rules, 1962. लघु उद्योग तथा सूक्ष्म और मध्यम उद्योग मंत्रालय, 31. 77 केन्द्र में पोर्टफोलियों प्रणाली का आधार प्रस्तुत करता है । इस अनु. Secretariat staff collect data that document economic and/or technological trends and problems. Nature of functions of central secretariat of india Ask for details ; Follow Report by Kassandragvndr9567 02.06.2018 Log in to add a comment The Central Secretariat normally performs the following functions: (1) Assisting the minister in the discharge of his policy making and parliamentary functions. कार्यों का बंटवारा जहां केन्द्रीकरण को रोकता है, वहीं इससे सचिवालय का कार्य भार कम होता है । इससे सचिवालय का अकार भी प्रबंध की दृष्टि से सीमित रखने में मदद मिलती है ।, 6. सचिवालय के कार्यालय कर्मचारियों में निम्नलिखित कार्मिक शामिल हैं: अनुभाग अधिकारी कार्यालय/अनुभाग का प्रमुख होता है तथा अनुभाग के सभी कार्मिकों और अवर सचिव के मध्य संपर्क बनाए रखता है । अनुभाग अधिकारी का मुख्य कार्य अपने अनुभाग के कार्मिकों के कार्य का पर्यवेक्षण करना है । अनुभाग अधिकारी सचिवालय कार्मिक के पदक्रम की दृष्टि सेपहली पंक्ति का पर्यवेक्षक है।. पोर्टफोलियो प्रणाली (विभाग-विभाजन प्रणाली) (Portfolio System): इससे आशय है- मुख्य कार्यपालिका की और से किसी सदस्य (मंत्री) को विभाग का प्रभारी बनाना । यह प्रभारी ही मुख्य कार्यपालिका की और से विभाग संबंधी आदेश जारी करता है । इसी प्रणाली से विभाग या मंत्रालय संबंधी अवधारणा का जन्म हुआ है । भारत में पोर्टफोलियों प्रणाली सर्वप्रथम लार्ड केनिंग ने 1859 में लागू की थी ।, भारतीय संविधान का अनु. It is empowered by the Politburo to make routine day-to-day … IGNOU BPAE 102 UNIT 7 Central Secretariat: Organisation and Functions. 4. पर्याप्त संख्या में आशुलिपिकीय और लिपिकीय सहायता का प्रावधान ।, तदनुरूप भारत सरकार ने 1973 में अपने मंत्रालयों-विभागों में ”मेज अधिकारी प्रणाली” को लागू किया । वस्तुत: यह ब्रिटेन की ”व्हाइट हाल प्रणाली” पर आधारित है ।, इस नई प्रणाली के अंतर्गत किसी मंत्रालय के सबसे निचले स्तर के कार्य को अलग-अलग डेस्कों में व्यवस्थित किया गया है । प्रत्येक डेस्क में दो अधिकारियों अर्थात एक अवर सचिव और एक अनुभाग अधिकारी या एक अनुभाग अधिकारी और एक सहायक अनुभाग अधिकारी या दो अनुभाग अधिकारियों को पदस्थ किया जाता है ।, प्रत्येक अधिकारी को डेस्क अधिकारी कहा जाता है जिनकी सहायतार्थ आशुलिपिक या लिपिक उपलब्ध होते है । डेस्क अधिकारी मामलों को स्वयं निपटाता है तथा नीति से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों के निपटान हेतु उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करता है ।. 8- Height: No new building will surpass the height of the India Gate. उसके अध्ययन के आधार पर आयोग ने ”मेज अधिकारी प्रणाली” के संबंध में निम्नलिखित सुझाव दिये थे: 1. After having served in both administrative and commercial functions, he was appointed a member of the Management [...] Board, in charge of the commercial network. सचिवालय के कार्यालय कर्मचारियों में निम्नलिखित कार्मिक शामिल है: अनुभाग का प्रमुख होता है तथा अनुभाग के सभी कार्मिकों और अवर सचिव के मध्य संपर्क बनाए रखता है । अनुभाग अधिकारी का मुख्य कार्य अपने अनुभाग के कार्मिकों के कार्य का पर्यवेक्षण करना है । अनुभाग अधिकारी सचिवालय कार्मिक के पदक्रम की दृष्टि से पहली पंक्ति का पर्यवेक्षक है ।. Read this article in Hindi to learn about:- 1. कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का मूल्यांकन सचिवालय द्वारा तटस्थता पूर्वक हो पाता है ।. Maintaining Cadre of officers working on a tenure system. आमरी कहते है कि- ”भावी घटनाओं पर गंभीरता पूर्वक विचार से अधिक जरूरी दिन-प्रतिदिन के काम होते हैं । विभाग और सामान्य स्टॉफ…… की व्यवस्था ही दूरदृष्टिपूर्ण और प्रभावी नियोजन के लिये उपयुक्त है ।, 1. 23. Before independence the Viceroy’s executive council used to perform the functions of distributing and setting various executive activities to be performed by different departments of the government. Promulgates rules and regulations necessary to carry out the objectives, policies, functions, plans, programs and projects of the Department. केन्द्रीय सचिवालय के प्रणाली (Systems of Central Secretariat) and Other Details. 3. वह लोक लेखा समिति के समक्ष अपने मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करता है ।, iii. केंद्र सरकार का अर्थ (Meaning of Central Secretariat) 2. Traductions en contexte de "central secretariats" en anglais-français avec Reverso Context : In addition, inasmuch as the European standards organisations provide ongoing support for Community activities, they should have effective and efficient central secretariats. Vérifiez les traductions 'Secrétariat de planification et de gestion des ressources' en anglais. केन्द्रीय सचिवालय का प्रारम्भ (Introduction to Central Secretariat) 2. Establishes the policies and standards for the operation of the Department pursuant to the approved programs of the government. दूसरा स्तर मध्य स्तर है और इसीलिये नीति निर्माण और क्रियान्वयन दोनों में उसकी समन्वयकारी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है । यह प्रशासनिक स्तर है, न कि राजनीतिक । अत: यह नीति निर्माण का नहीं अपितु नीति परामर्श का केन्द्र है । इसको सचिवालय कहा जाता है जिसका प्रमुख सचिव होता है ।, सचिवालय सचिवों के संयुक्त कार्यालय का बोध कराने वाली एक अवधारणा है । प्रत्येक मंत्रालय (या विभाग) का एक सचिव होता है । ये विभाग निष्पादन विभाग से भिन्न होते हैं । और उप स्तर होते हैं- प्रथम उच्च अधिकारी स्तर और दूसरा अधीनस्थ कर्मचारी स्तर ।, उच्च स्तर पर सचिव, अति सचिव, संयुक्त सचिव, उपसचिव, अवर सचिव जैसे अधिकारी होते हैं जबकि अधीनस्थ स्तर वस्तुत: सचिवों के सचिवालय के भीतर स्थित कार्मिकों का कार्यालय है जहां अनुभाग अधिकारी, लिपिक आदि कर्मचारी काम करते हैं ।, 3. The Central Secretariat is a collection of various ministries and departments. केंद्र सरकार – भूमिका और कार्य (Central Secretariat – Role and Functions) 6. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय: (iii) पेंशन तथा पेंशनभोगियों के कल्याणार्थ विभाग, (ii) वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, 30. एमरी द्वारा उनकी अपनी ही पुस्तक थाट्स ऑन द काँस्टीट्‌यूशन में बेहतर ढंग से किया गया है ।, उनका कहना है कि ”दिन-प्रतिदिन के कार्य अत्यावश्यक होते हैं बजाय इसके कि आगामी वर्ष में होने वाली घटनाओं पर गंभीरता से विचार किया जाए जिगपें बौद्धिक प्रयास की जरूरत कम और कभी-कभी बिल्कुल नहीं होती । एक अलग नीति विभाग और सामान्य स्टॉफ की जिन पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण न हो व्यवस्था किए जाने पर ही दूरदृष्टिपूर्ण और प्रभावी नियोजन कार्य संभव है ।”. केन्द्रीय सचिवालय का प्रारम्भ (Introduction to Central Secretariat) 2. मंत्रालय की संरचना (Structure of a Ministry) 3. COVID-19 & MIGRATORY SPECIES. प्रशासनिक सुधार आयोग ने सरकारी तंत्र और इसकी कार्यपद्धति से संबधित अपनी रिपोर्ट (1968) में डेस्क अधिकारी प्रणाली के तहत कार्यों को सुचारुपूर्ण और त्वरित ढंग से निपटाने के संबन्ध में निम्नलिखित सुझाव दिए थे: (ii) कार्ड फाइलों या कार्ड सूची का रख रखाव जिसमें पहले के महत्त्वपूर्ण रिकार्ड रखे जाएं ।, (iii) अवकाश से संबंधित पर्याप्त प्रावधान, और, (iv) पर्याप्त संख्या में आशुलिपिकीय और लिपिकीय सहायता का प्रावधान, जैसाकि ऊपर बताया गया है, भारत सरकार के प्रत्येक मंत्रालय में राजनीतिक प्रमुख और सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय संगठन के अतिरिक्त कार्यकारी संगठन भी होते हैं । ये कार्यकारी संगठन सचिवालय संगठन द्वारा तैयार की गई नीतियों को कार्यान्वित करते हैं ।, कार्यकारी संगठन सचिवालय के अधीन कार्य करते हैं । इनके कार्यकारी प्रमुखों (विभाग प्रमुखों) को विभिन्न नामों से पदनामित किया गया है- निदेशक, महानिदेशक, नियंत्रक, मुख्यनियंत्रक, महानिरीक्षक, आयुकत और महापंजीयक आदि । कार्यकारी एजेंसियों के दो रूप हैं- संबद्ध कार्यालय और अधीनस्थ कार्यालय ।, सरकारी कार्यपद्धति की संहिता में इन कार्यालयों की निम्नलिखित व्याख्या की गई है – ”एक ओर जहाँ सरकार की नीतियों के कार्यान्वयन के लिए कार्यकारी दिशा निर्देश के विकेंद्रीयकरण और फील्ड एजेसियों की स्थापना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर मंत्रालय के अंतर्गत अधीनस्थ कार्यालय हैं । मंत्रालय द्वारा निर्धारित नीतियों के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कार्यकारी निर्देश देने की जिम्मेदारी मंत्रालय से संबंद्ध कार्यालयों की है । संबद्ध कार्यालय मंत्रालय को किसी विषय से संबंधित तकनीकी पहलुओं की जानकारी उपलब्ध कराते हैं जिसके लिए इन कार्यालयों के पास तकनीकी सूचनाओं का भंडार होता है । अधीनस्थ कार्यालय फील्ड प्रतिष्ठान के रूप में अथवा सरकार के निर्णयों के विस्तृत कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी एजेंसी के रूप में कार्य करते हैं । अधीनस्थ कार्यालय प्रायः संबद्ध कार्यालय के निर्देशन में अथवा कार्यकारी निर्देशों की मात्रा अधिक होने पर सीधे मंत्रालय के निर्देशन में कार्य करते हैं ।”, टोटनहम ने केंद्र सरकार की पुनर्संरचना से संबंधित अपनी रिपोर्ट (1945-46) में उल्लेख किया है- ”सदस्य (मंत्री) का कार्य नीति निर्धारित करने का है सचिव का कार्य नीति से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराने का तथा कार्यकारी प्रमुख का कार्य निर्धारित नीतियों को लागू कराने का है । मानवीय पक्ष से देखा जाए तो सदस्य (मंत्री) इच्छा शक्ति का सचिव मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है तथा कार्यकारी प्रमुख हाथों का काम करता है ।”, तथापि, टोटनहम समिति (1945-46) और प्रथम वेतन आयोग (वरदाचारियार (1946-47) ने संबद्ध कार्यालयों और अधीनस्थ कार्यालयों के मध्य भेद को असंतोषजनक और बनावटी करार देते हुए इन दो श्रेणी के कार्यालयों के मध्य भेद को समाप्त करने का सुझाव दिया था ।, नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी निरूपण और कार्यान्वयन के लिए सचिवालय और कार्यकारी एजेंसियों के मध्य समुचित तालमेल आवश्यक है ।.